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Showing posts from January, 2021

भारतीय संस्कृति का जो स्वरूप संतो ने विश्व पटल पर प्रस्तुत किया है वह सराहनीय है-स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्चारी

हरिद्वार ब्यूरो भारतीय संस्कृति का जो स्वरूप संतो ने विश्व पटल पर प्रस्तुत किया है वह सराहनीय है -स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी जयराम पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने कहा है कि संत परंपरा सनातन संस्कृति की वाहक है और भारतीय संस्कृति का जो स्वरूप संतो ने विश्व पटल पर प्रस्तुत किया है वह सराहनीय है। भूपतवाला स्थित श्री श्री आत्म योग निकेतन धाम आश्रम में आयोजित संत समागम के दूसरे दिन श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि त्याग एवं तपस्या की प्रतिमूर्ति ब्रह्मलीन स्वामी आत्मानंद सरस्वती महाराज एक महान संत थे। जिन्होंने संपूर्ण जीवन भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म का प्रचार प्रसार कर राष्ट्र निर्माण में अपना अतुल्य योगदान प्रदान किया। युवा पीढ़ी को उनके आदर्शो को अपनाकर सनातन धर्म के उत्थान में अपना सहयोग प्रदान करना चाहिए। कार्यक्रम को अध्यक्ष पद से संबोधित करते हुए महंत देवानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि संतों का जीवन सदैव परोपकार को समर्पित रहता है। ब्रह्मलीन स्वामी आत्मानंद सरस्वती महाराज ने सदैव ही भावी पीढ़ी को संस्कारवान ब