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Showing posts from April, 2021

विधायक प्रदीप बत्रा ने किया सड़क का शिलान्यास

 रूड़की  का शिलान्यासरोइरजी विधायक प्रदीप बत्रा ने किया सड़क का शिलान्यास रुड़की लंबे इंतजार के बाद आखिर रूड़की के मालवीय चौक से रेलवे स्टेशन तक की सड़क के दिन बहुर गए हैं। आज विधायक प्रदीप बत्रा ने डेढ़ करोड़ की लागत से बनने वाली इस सड़क का फीता काटकर उद्घाटन किया। आपको बता दें कि पिछले कई वर्षो से यहां के लोग इस सड़क के निर्माण की मांग करते आ रहे थे लेकिन इस सड़क का निर्माण नही हो पाया। यह सड़क मालवीय चौक से रेलवे स्टेशन तक बुरी तरह टूटी हुई थी। वहीं इस सड़क को बनाये जाने की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा भी की गई थी। आज इस सड़क का शिलान्यास विधायक प्रदीप बत्रा ने फीता काटकर किया। उन्होंने बताया की इस सड़क का निर्माण कार्य एक करोड़ 36 लाख की लागत से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्रवासियों के द्वारा लंबे समय से सड़क बनाए जाने की मांग की जा रही थी। सड़क पर बरसात का पानी जमा हो जाता था। अब बरसात के पानी से भी क्षेत्रवासियों को निजात मिलेगी। पार्षद पति कुलदीप तोमर ने बताया कि इस सड़क के बनने से लोगों को राहत मिलेगी। वहीं उन्होंने कहा कि जलभराव की समस्या से निजात दिलवाने के लिए नाले के निर्माण कार्य का प्र

उत्तराखंड में बड़ा फेरबदल 24 आई ए एस चार पी सी एस बदले

 देहरादून उत्तराखंड में बड़ा फेरबदल मुख्यमंत्री बनने के बाद तीरथ सिंह रावत ने किया बड़ा फेरबदल 24 आईएएस चार पीसीएस और दो सचिवालय संवर्ग अफसरों के शासन ने किये तबादले। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को कमिश्नर समाज कल्याण बनाया गया। आईएएस आरके सुधांशु से हटाई गई खनन की जिम्मेदारी।  प्रमुख सचिव निर्माण ग्रामीण निर्माण की जिम्मेदारी।  आईएएस एलएल फ़ेनयी को सचिव सैनिक कल्याण।  आईएएस मीनाक्षीसुंदरम को सचिव खनन की जिम्मेदारी शैलेश बगोली से परिवहन हटाया गया। डी सेंथिल पांडियन को दी गई सचिव कौशल विकास एवं सेवायोजन की जिम्मेदारी।  नितेश  कुमार झा  से हटाया गया सचिव सिंचाई एवं लघु सिंचाई।  आईएएस पंकज कुमार पांडे को डीजी चिकित्सा शिक्षा। आईएएस रंजीत सिन्हा से कौशल विकास हटा कर दी गई सचिव परिवहन की जिम्मेदारी। एस ए मुरुगेशन को सचिव सिंचाई एवं लघु सिंचाई की जिम्मेदारी।  आईएएस बृजेश कुमार संत को डायरेक्टर खनन । आईएएस चंद्रेश कुमार यादव को कमिश्नर सचिव राजस्व परिषद उत्तराखंड। डॉक्टर वी षणमुगम को सचिव प्रभारी नियोजन तथा डायरेक्टर ऑडिट। नीरज खैरवाल को निदेशक उरेडा।  सुरेंद्र नारायण पाल को सचिव प्रभारी आवास आयु

(अद्भुत प्रसंग, भावविभोर करने वाला प्रसंग जरुर प्ढ़े) बाल्मीकि रामायण और तुलसीकृत रामायण में इस कथा का वर्णन नहीं है, पर तमिल भाषा में लिखी *महर्षि कम्बन की #इरामावतारम्'* मे यह कथा है।  

सुदीप कपुरवान  द्वारा साभार  (अद्भुत प्रसंग, भावविभोर करने वाला प्रसंग जरुर प्ढ़े) बाल्मीकि रामायण और तुलसीकृत रामायण में इस कथा का वर्णन नहीं है, पर तमिल भाषा में लिखी *महर्षि कम्बन की #इरामावतारम्'* मे यह कथा है।   रावण केवल शिवभक्त, विद्वान एवं वीर ही नहीं, अति-मानववादी भी था..। उसे भविष्य का पता था..। वह जानता था कि श्रीराम से जीत पाना उसके लिए असंभव है..। जब श्री राम ने खर-दूषण का सहज ही बध कर दिया तब तुलसी कृत मानस में भी रावण के मन भाव लिखे हैं-- खर दूसन मो सम बलवंता । तिनहि को मरहि बिनु भगवंता।। रावण के पास जामवंत जी को #आचार्यत्व का निमंत्रण देने के लिए लंका भेजा गया..। जामवन्त जी दीर्घाकार थे, वे आकार में कुम्भकर्ण से तनिक ही छोटे थे। लंका में प्रहरी भी हाथ जोड़कर मार्ग दिखा रहे थे। इस प्रकार जामवन्त को किसी से कुछ पूछना नहीं पड़ा। स्वयं रावण को उन्हें राजद्वार पर अभिवादन का उपक्रम करते देख जामवन्त ने मुस्कराते हुए कहा कि मैं अभिनंदन का पात्र नहीं हूँ। मैं वनवासी राम का दूत बनकर आया हूँ। उन्होंने तुम्हें सादर प्रणाम कहा है। रावण ने सविनय कहा– &